भाई को खाना खिलाकर तरन्नुम रियाजुद्दीन के पास बैठी थी। उसकी भाभी हिना काम से घर गई हुई थी। इस बीच 3.45 बजे के करीब एक लड़का लाल रंग की टी-शर्ट पहने वहां पहुंचा। उसके साथ दो और लड़के थे। आते ही उसने पिस्टल निकाली और रियाजुद्दीन पर गोलियां चला दीं। उसने पहले तो भाई को बचाने का प्रयास किया, लेकिन भयवश नीचे बैठ गई।
कई राउंड गोलियां चलाकर बदमाश भाग खड़े हुए। उस समय गेट पर गार्ड भी खड़ा था। वार्ड में और बाहर भी लोग थे, लेकिन कोई भी उनको पकड़ने का साहस नहीं जुटा सका। जब उसने भाई को देखा तो उसकी सांसें थम चुकी थीं। इस बीच अस्पताल में अफरा-तफरी मच चुकी थी। तरन्नुम ने फौरन घर फोन किया। परिजन दौड़े-दौड़े अस्पताल पहुंचे।
परिजनों का कहना है था कि वह लगातार रियाजुद्दीन के जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे थे। उसकी तबीयत में अब सुधार भी हो रहा था, लेकिन शायद खुदा को कुछ और ही मंजूर था। रियाजुद्दीन के भाई फहीम ने बताया कि वह परिवार के साथ गली नंबर-14, श्रीराम कालोनी, खजूरी खास में रहते हैं।
इनके परिवार में मां नसीम बेगम, दो भाई रियाजुद्दीन व रहीसुद्दीन, तीन बहनें तरन्नुम, रुकसार, रकसाना हैं। भाई रियाजुद्दीन के परिवार में पत्नी हिना के अलावा दो बच्चे बेटा अनस (13) और बेटी उर्मिश (7) हैं।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
रियाजुद्दीन के पिता इस्लामुद्दीन की चार साल पहले मौत हो गई थी। पिता दांतों का देसी तरीके से इलाज करते थे। रियाजुद्दीन भी पिता के साथ काम करते थे। पिता की मौत के बाद वह डिप्रेशन में चला गया। इस बीच वह नशा करने लगा। परिवार ने उसे इलाज के लिए भर्ती कराया। पेट में संक्रमण के अलावा उसके पेट में एक गांठ थी।
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