लोकसभा चुनाव प्रचार का शोर थमते ही पीएम मोदी गुरुवार (30 मई) की शाम कन्याकुमारी पहुंचे। उनका कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में 45 घंटे का ध्यान शुरू हो चुका है।
यहां से पीएम के ध्यान की पहली तस्वीरें सामने आ गई हैं। जिसमें वे ॐ के सामने बैठकर ध्यान लगाते नजर आ रहे हैं। पीएम यहां 1 जून तक ध्यानमग्न रहेंगे।
जब तक मोदी ध्यान मंडपम में हैं, पूरे कन्याकुमारी में 2 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। साथ ही तमिलनाडु पुलिस का कोस्टल सिक्योरिटी ग्रुप, कोस्ट गार्ड और नेवी भी तैनात है।
मोदी के कन्याकुमारी दौरे को लेकर एक संगठन थंगथाई पेरियार द्रविड़र कड़गम ने मदुरै में प्रधानमंत्री के विरोध में काले झंडे दिखाए। इसी संगठन ने X पर #गोबैकमोदी (मोदी वापस जाओ) पोस्ट किया।
एक दिन पहले देवी अम्मन मंदिर में पूजा की
कन्याकुमारी पहुंचकर पीएम ने सबसे पहले भगवती देवी अम्मन मंदिर में दर्शन-पूजन किया। पूजा के दौरान मोदी ने सफेद मुंडु (दक्षिण भारत का एक परिधान) और शॉल पहना था। पुजारियों ने उन्हें विशेष आरती कराई। प्रसाद, शॉल और देवी की तस्वीर दी।
ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं
चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री की ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं है। कांग्रेस ने 29 मई को आरोप लगाया था कि पीएम की ध्यान यात्रा आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मोदी के ध्यान को मीडिया में प्रसारित नहीं होने दिया जाए।
जानकार सूत्रों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का हवाला दिया। इसमें मौन अवधि के दौरान सार्वजनिक बैठकों या जनता के बीच चुनावी प्रचार और प्रदर्शन पर रोक का उल्लेख है। वोटिंग खत्म होने से 48 घंटे पहले साइलेंट पीरियड शुरू हो जाता है।
लोकसभा चुनाव में आखिरी फेज का चुनाव प्रचार 30 की शाम 5 बजे खत्म हो चुका है। इस फेज में 1 जून को वाराणसी सीट में भी वोटिंग होगी। जानकारों के मुताबिक, इस कानून में वह क्षेत्र ही आता है, जहां वोटिंग होना है।
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